अब न कोई दादी - नानी की कहानी , अब न गर्मी की छुट्टी में कहीं आना - जाना , अब न कोई दादी - नानी की कहानी , अब न गर्मी की छुट्टी में कहीं आना - जाना ,
सारी खुशियां देदे उसे, मुझको तेरी शरण में ले ले। सारी खुशियां देदे उसे, मुझको तेरी शरण में ले ले।
लगता है अब तुझ से निगाहें मिलाने के दिन आ रहे हैं ! लगता है अब तुझ से निगाहें मिलाने के दिन आ रहे हैं !
सोचो अब तो हुक्मरानों दिल्ली दहलाने वाली है। सोचो अब तो हुक्मरानों दिल्ली दहलाने वाली है।
थोड़ा मैं तुझमें बिखरुं थोड़ा तुम मुझमें बिखर जाना ! थोड़ा मैं तुझमें बिखरुं थोड़ा तुम मुझमें बिखर जाना !
नाराज हूँ ख़ुदा, डाक्टर हारे थे मग़र तू बेचारा ना था। नाराज हूँ ख़ुदा, डाक्टर हारे थे मग़र तू बेचारा ना था।